Saturday, 25 February 2012
Tuesday, 21 February 2012
" शुकराना "
जब इस दुनिया में आइ थी,
एक नाम से नवाज़ा था तुने,
मुट्ठी तो मेरी बंद ही रहती थी,
न जाने इतने प्यार से कैसे सजाया था तुने,
अनजान थी मैं अपने सफ़र में,
न जाने खुद से कैसे मिलाया था तुने,
मेरी छोटी सी ज़िन्दगी को,
न जाने सपनो में कैसे समाया था तुने,
दिल तो जीने का जरिया था मेरा,
न जाने इतना प्यार जगाया कहाँ से तुने,
तेरी रहमत से जीवन तो सफल हो गया,
अब
मौत आने पर भी तेरा दिया ये नाम ही रह जाए...
ये होंसला भी तेरे ही करम से आया मुझमे.
My soul says
एक नाम से नवाज़ा था तुने,
मुट्ठी तो मेरी बंद ही रहती थी,
न जाने इतने प्यार से कैसे सजाया था तुने,
अनजान थी मैं अपने सफ़र में,
न जाने खुद से कैसे मिलाया था तुने,
मेरी छोटी सी ज़िन्दगी को,
न जाने सपनो में कैसे समाया था तुने,
दिल तो जीने का जरिया था मेरा,
न जाने इतना प्यार जगाया कहाँ से तुने,
तेरी रहमत से जीवन तो सफल हो गया,
अब
मौत आने पर भी तेरा दिया ये नाम ही रह जाए...
ये होंसला भी तेरे ही करम से आया मुझमे.
My soul says
Friday, 17 February 2012
खुद से दूर !
ऐसा लग रहा है ..
आज हवाएं कुछ कहना चाहती हैं मुझसे ,
अपनी जुबान से ज़िन्दगी की दास्तान ..
और अपनी खुशबू से खुशियों का कारवां जताना चाहती हैं मुझसे. .
ऐसे किस्सों में खो जाने से आँखें नम तो हो रही है ..
खाली घर का दरवाज़ा खटखटाने से ज़िन्दगी कम हो रही है .
आज एक ऐसे मोड़ पर ले आइ है मुझे मेरी ज़िन्दगी ,
जहाँ मैं खुद से बहुत दूर आ गयी हूँ .
दुनिया के करतबों के बहुत पास
नहीं जानती की मैं जिंदा भी हूँ ..
या बस ऐसे ही जिए जा रही हूँ
ऐ खुदा तेरे दिखाए रास्ते पर चल रही हूँ
और खुद से दुश्मनी लिए जा रही हूँ ..
अपनी चाहतों से बहुत दूर ..
बस दुनिया की शर्तों पर जिए जा रही हूँ !
My Soul Says
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