जब इस दुनिया में आइ थी,
एक नाम से नवाज़ा था तुने,
मुट्ठी तो मेरी बंद ही रहती थी,
न जाने इतने प्यार से कैसे सजाया था तुने,
अनजान थी मैं अपने सफ़र में,
न जाने खुद से कैसे मिलाया था तुने,
मेरी छोटी सी ज़िन्दगी को,
न जाने सपनो में कैसे समाया था तुने,
दिल तो जीने का जरिया था मेरा,
न जाने इतना प्यार जगाया कहाँ से तुने,
तेरी रहमत से जीवन तो सफल हो गया,
अब
मौत आने पर भी तेरा दिया ये नाम ही रह जाए...
ये होंसला भी तेरे ही करम से आया मुझमे.
My soul says
एक नाम से नवाज़ा था तुने,
मुट्ठी तो मेरी बंद ही रहती थी,
न जाने इतने प्यार से कैसे सजाया था तुने,
अनजान थी मैं अपने सफ़र में,
न जाने खुद से कैसे मिलाया था तुने,
मेरी छोटी सी ज़िन्दगी को,
न जाने सपनो में कैसे समाया था तुने,
दिल तो जीने का जरिया था मेरा,
न जाने इतना प्यार जगाया कहाँ से तुने,
तेरी रहमत से जीवन तो सफल हो गया,
अब
मौत आने पर भी तेरा दिया ये नाम ही रह जाए...
ये होंसला भी तेरे ही करम से आया मुझमे.
My soul says
ok...so we've got a new poet around and i've got a feeling that soon u're going to be very famous... ;)
ReplyDeletethanks a lot sarabjeet :)
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