Friday, 17 February 2012

खुद से दूर !


ऐसा लग रहा है ..
आज हवाएं कुछ कहना चाहती हैं मुझसे ,

अपनी जुबान से ज़िन्दगी की दास्तान ..
और अपनी खुशबू से खुशियों का कारवां जताना चाहती  हैं मुझसे. .

ऐसे किस्सों में खो जाने से आँखें नम तो हो रही है ..
खाली घर का दरवाज़ा खटखटाने से ज़िन्दगी कम हो रही है .

आज एक ऐसे मोड़ पर ले आइ है मुझे मेरी ज़िन्दगी ,
जहाँ मैं खुद से बहुत दूर आ गयी हूँ .
दुनिया के  करतबों के बहुत पास

नहीं जानती की मैं जिंदा भी हूँ ..
या बस ऐसे ही जिए जा रही  हूँ

ऐ खुदा तेरे दिखाए रास्ते पर चल रही हूँ
और खुद से दुश्मनी लिए जा रही हूँ ..

अपनी चाहतों से बहुत दूर ..
बस दुनिया की शर्तों पर जिए जा रही हूँ !



My Soul Says


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