Thursday 8 December 2011

"ज़िन्दगी एक बोतल"


ज़िन्दगी में एक अजब सा नशा देखा है. .
किसीको इस पे मरते, तो किसीको इससे डरते देखा है . .

ये वो जाम नहीं है जिसपे तुम यूँ ही फिसल जाओगे . .
यहाँ अद्धा पाने के लिए तुम खाई में लटक जाओगे . .

हर जगह अँधेरा तो नही है . .
पर कभी न कभी खम्बे से ज़रूर टकरा जाओगे. .

दुनिया की बोतल हिलाकर दमादम मस्त कलंदर तो नही होगा . .
पर बोतल के किस्से घुमाकर सारा माल जेब के अन्दर ज़रूर होगा :D

वो बर्फ की कश्तियों पर बैठकर टकराने का मज़ा ही कुछ और है. .
यहाँ बुलबुलों की गहराई में जाकर फट जाने का मज़ा ही कुछ और है . .

कभी ढक्कन खुलता दिखाई दे तो झट से पकड़ लो . .
क्यूंकि मैखानो में खुशियाँ पाने का मज़ा ही कुछ और है .. :D

                                                           
 My soul says                                                  
       


Wednesday 7 September 2011

मेरी नन्ही सी जान :)


एक प्यारा  सा  ख्वाब
जो  कभी  मेरी  आँखों  में  रहा  करता  था ..

आज जब उसने अपनी आँखें खोली तो ऐसा लगा  की
नन्हे से सागर में कहीं खो जाऊं  ..

वो नन्हे से हाथों ने जब मेरे हाथों को छुआ तो मानो
पूरी कायनात मेरे ही हाथों में समां गयी ...

वो मासूम सा चेहरा जो एक ही पल में मेरी ज़िन्दगी बन गया ..
ऐसा लगा जैसे एक नयी ज़िन्दगी की तलाश आज ख़त्म हो गयी ..

आज जब उसको मेरे सीने से लगाया गया ,
तो विश्वास हो गया की अब और तन्हाई नही ..

उसकी धडकनें ऐसा महसूस करा रही थी जैसे
ऐसा सुकून ही दिल को चाहिए था ..

वो कोमल नन्ही बाहें जब मुझे समेट नही पा रही थी ..
तो मेरे चेहरे की धीमी सी मुस्कान ने मुझे मेरे हर गम से दूर कर दिया ..

My soul says

Wednesday 31 August 2011

Tuesday 30 August 2011

VINTAGE RETRO(बचपन)

कुछ कागजों पर मैंने अपना सारा बचपन समेटा है ,

मौज-मस्ती,  मेरी हर ख़ुशी, मेरा हर गम
मैंने हरपल अपनी आँखों के सामने देखा है ,

ज़िन्दगी कभी मुह मोड़ती, तो उसके पल ..

ज़िन्दगी जब बहुत कुछ देती ,तो उसके पल ..

जिंदा बचपन के सुहाने पल ..

खिलखिलाते वो सारे लम्हे 
आज देख लेती हूँ किसी भी पल ,
और फिर से जी उठती हूँ उन यादों के बल  ... :)
                                               
My soul says                                                                        




















Monday 29 August 2011

"दर्द"



कहने को तो दुनिया कहती है मुस्कुरा
पर कोई वजह तो हो मुस्कुराने के लिए ,

आंसुओं से भीगी एक तस्वीर है
बाकी कुछ न रहा दिखाने के लिए ,

वीरान झोपड़ी, अधखुला दरवाज़ा
खुद समझ लेना
वहां कोई नहीं होगा तुम्हे बताने के लिए,

सिसकियों  का शोर है शामो -शहर
बस यही एक नगमा है गाने लिए ,

हर " दर्द " अपना कागजों पर लिखे जा रही हूँ ..
शायद  उस  वक़्त मैं यहाँ  ना रहूँ तुम्हे सुनाने के लिए . 
 

My soul says                                                                                

Sunday 28 August 2011

"मेरा ख्वाब"




















एक अनकहा सा ख्वाब है
जो तैर रहा है जाने कब से ,

याद नहीं उसने जन्म लिया कब  से 
शायद होश संभाले तब से ,

चाहती हूँ मुठी भर ज़मीन हो
हो थोड़ा आसमान जुदा सबसे ,

पराया तो बहुत कुछ हैं यहाँ 
चाहती हूँ कुछ अपना रब्ब से ,

जाने मिलेगी या नहीं मंजिल 
लेकिन हौंसले बुलंद हैं सबसे .