Wednesday, 31 August 2011
Tuesday, 30 August 2011
VINTAGE RETRO(बचपन)
कुछ कागजों पर मैंने अपना सारा बचपन समेटा है ,
मौज-मस्ती, मेरी हर ख़ुशी, मेरा हर गम
मैंने हरपल अपनी आँखों के सामने देखा है ,
ज़िन्दगी कभी मुह मोड़ती, तो उसके पल ..
ज़िन्दगी जब बहुत कुछ देती ,तो उसके पल ..
जिंदा बचपन के सुहाने पल ..
खिलखिलाते वो सारे लम्हे
आज देख लेती हूँ किसी भी पल ,
और फिर से जी उठती हूँ उन यादों के बल ... :)
My soul says
मौज-मस्ती, मेरी हर ख़ुशी, मेरा हर गम
मैंने हरपल अपनी आँखों के सामने देखा है ,
ज़िन्दगी कभी मुह मोड़ती, तो उसके पल ..
ज़िन्दगी जब बहुत कुछ देती ,तो उसके पल ..
जिंदा बचपन के सुहाने पल ..
खिलखिलाते वो सारे लम्हे
आज देख लेती हूँ किसी भी पल ,
और फिर से जी उठती हूँ उन यादों के बल ... :)
My soul says
Monday, 29 August 2011
"दर्द"
कहने को तो दुनिया कहती है मुस्कुरा
पर कोई वजह तो हो मुस्कुराने के लिए ,
आंसुओं से भीगी एक तस्वीर है
बाकी कुछ न रहा दिखाने के लिए ,
वीरान झोपड़ी, अधखुला दरवाज़ा
खुद समझ लेना
वहां कोई नहीं होगा तुम्हे बताने के लिए,
सिसकियों का शोर है शामो -शहर
बस यही एक नगमा है गाने लिए ,
हर " दर्द " अपना कागजों पर लिखे जा रही हूँ ..
शायद उस वक़्त मैं यहाँ ना रहूँ तुम्हे सुनाने के लिए .
My soul says
Sunday, 28 August 2011
"मेरा ख्वाब"
Subscribe to:
Posts (Atom)