कुछ कागजों पर मैंने अपना सारा बचपन समेटा है ,
मौज-मस्ती, मेरी हर ख़ुशी, मेरा हर गम
मैंने हरपल अपनी आँखों के सामने देखा है ,
ज़िन्दगी कभी मुह मोड़ती, तो उसके पल ..
ज़िन्दगी जब बहुत कुछ देती ,तो उसके पल ..
जिंदा बचपन के सुहाने पल ..
खिलखिलाते वो सारे लम्हे
आज देख लेती हूँ किसी भी पल ,
और फिर से जी उठती हूँ उन यादों के बल ... :)
My soul says
मौज-मस्ती, मेरी हर ख़ुशी, मेरा हर गम
मैंने हरपल अपनी आँखों के सामने देखा है ,
ज़िन्दगी कभी मुह मोड़ती, तो उसके पल ..
ज़िन्दगी जब बहुत कुछ देती ,तो उसके पल ..
जिंदा बचपन के सुहाने पल ..
खिलखिलाते वो सारे लम्हे
आज देख लेती हूँ किसी भी पल ,
और फिर से जी उठती हूँ उन यादों के बल ... :)
My soul says
nice1............
ReplyDeletethanks :)
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